Bank collapse: हाल के दिनों में कुछ बैंकिंग घटनाओं ने आम लोगों के मन में चिंता पैदा कर दी है। इंडसइंड बैंक में 1,577 करोड़ रुपये की अकाउंटिंग गड़बड़ी और न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या उनका पैसा बैंकों में सुरक्षित है। लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) का कहना है कि ये केवल अलग-अलग घटनाएँ हैं, न कि पूरे बैंकिंग सिस्टम की विफलता। आइए जानते हैं कि भारत में सबसे सुरक्षित बैंक कौन से हैं और आप अपना पैसा कहां रखें।
बैंकिंग क्षेत्र में हाल की घटनाएँ
हाल ही में इंडसइंड बैंक ने खुद अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,577 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की जानकारी दी। इसी तरह, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया। ये खबरें सुनकर आम जमाकर्ता चिंतित हो गए, लेकिन आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि भारत का बैंकिंग सिस्टम मजबूत और सुरक्षित है। ये घटनाएँ पूरे सिस्टम को प्रभावित करने वाली नहीं हैं।
सिस्टेमिक इम्पोर्टेंट बैंक्स क्या हैं?
आरबीआई ने देश के कुछ बैंकों को ‘डोमेस्टिक सिस्टेमिकली इम्पोर्टेंट बैंक्स’ (डी-सिब्स) का दर्जा दिया है। इन्हें “टू बिग टू फेल” यानी इतने बड़े बैंक कि इन्हें फेल होने नहीं दिया जा सकता, के रूप में जाना जाता है। यदि इन बैंकों में कोई समस्या आती है, तो सरकार और आरबीआई तुरंत कदम उठाकर इन्हें बचाते हैं। वर्तमान में भारत में तीन बैंक इस श्रेणी में आते हैं:
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) – 2015 से
- आईसीआईसीआई बैंक – 2016 से
- एचडीएफसी बैंक – 2017 से
इन बैंकों को अतिरिक्त पूंजी रखने के निर्देश दिए जाते हैं ताकि वे किसी भी वित्तीय संकट का सामना कर सकें। इनकी निगरानी भी सरकार और आरबीआई द्वारा विशेष रूप से की जाती है।
भारत के शीर्ष सुरक्षित बैंक
भारत में कुछ बैंक अपनी वित्तीय स्थिरता और ग्राहक विश्वास के कारण अधिक सुरक्षित माने जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई): भारत का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है, जिसके पास देशभर में व्यापक शाखा नेटवर्क है। सरकारी समर्थन के कारण यह अत्यधिक सुरक्षित माना जाता है।
एचडीएफसी बैंक: निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक, जो अपनी उत्कृष्ट डिजिटल सेवाओं और उच्च ग्राहक संतुष्टि के लिए जाना जाता है।
आईसीआईसीआई बैंक: एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म और खुदरा तथा कॉर्पोरेट दोनों क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ एक प्रमुख निजी क्षेत्र का बैंक।
इनके अलावा, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक भी भारत के सुरक्षित बैंकों की सूची में शामिल हैं।
सुरक्षित बैंक कैसे चुनें?
जब आप अपना पैसा किसी बैंक में जमा करने का निर्णय लेते हैं, तो निम्न बातों पर ध्यान दें:
नियामक मान्यता: डी-सिब्स श्रेणी के बैंकों को प्राथमिकता दें, क्योंकि इन्हें आरबीआई द्वारा विशेष निगरानी में रखा जाता है।
सरकारी स्वामित्व: सरकारी बैंकों को आमतौर पर अधिक सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इनके पीछे सरकारी समर्थन होता है।
कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो (सीएआर): उच्च सीएआर वाले बैंक अधिक सुरक्षित होते हैं। आरबीआई के अनुसार, बैंकों का सीएआर कम से कम 9% होना चाहिए।
नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए): कम एनपीए वाले बैंक अधिक सुरक्षित होते हैं, क्योंकि यह दर्शाता है कि उनके द्वारा दिए गए अधिकांश ऋण समय पर चुकाए जा रहे हैं।
ग्राहक विश्वास: ऐसे बैंक चुनें जिन्हें ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है और जिनकी सेवाओं पर ग्राहक संतुष्ट हैं।
भारतीय बैंकिंग प्रणाली में हाल की घटनाओं के बावजूद, हमारे देश का बैंकिंग सिस्टम मजबूत और सुरक्षित है। आरबीआई और सरकार द्वारा लगातार निगरानी और नियमन के कारण, भारतीय बैंक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं। आम जमाकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानीपूर्वक बैंक चुनने और अपने पैसे को कई बैंकों में विभाजित करने की सलाह दी जाती है।